tag:blogger.com,1999:blog-442694390005309517.post1145145760549997929..comments2023-12-22T12:10:51.910-08:00Comments on डॉ. हरिओम पंवार - अपनी भारत माँ का प्यार लिये फिरता हूँ वाणी में !: इंदिरा जी की मृत्यु परUnknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-442694390005309517.post-12955230230164193102010-08-30T10:03:12.894-07:002010-08-30T10:03:12.894-07:00आपके शब्दों में है
हर हिन्दुस्तानी के दिल की आवाज
...आपके शब्दों में है<br />हर हिन्दुस्तानी के दिल की आवाज<br />मैं लिखते-लिखते रोया था<br />मैं भारी मन से गाता हूँ<br />जो हिम-शिखरों का फूल बनी<br />मैं उनको फूल चढ़ाता हूँ<br /><br />मैंने उनके सिंहासन के विपरीत लिखा कविता गायीं<br />पर उनके ना रहने पर आँखें आँसू भर-भर लायीं<br />रह-रहकर झकझोर रही हैं यादें ख़ूनी आँधी की<br />जैसे दोबारा से हत्या हो गयी महात्मा गाँधी की<br /><br />सच कविता न होती तो मानव मन के दर्द को अभिव्यक्ति कैसे मिलती!Asha Khatri Latahttps://www.blogger.com/profile/00463396761263439314noreply@blogger.com